क्या रोहित शर्मा का चैंपियंस ट्रॉफी से भी कटेगा पत्ता? 188 दिनों में हीरो से विलेन बनने की कहानी
सिडनी: भारतीय क्रिकेट में रोहित शर्मा का नाम बतौर कप्तान सफलता का पर्याय रहा है। साल 2024 में उन्होंने टीम इंडिया को टी20 विश्व कप का खिताब दिलाकर इतिहास रच दिया। लेकिन महज 188 दिनों में वही कप्तान सवालों के घेरे में हैं। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में लगातार दो मैचों में हार के बाद, उन्हें सिडनी टेस्ट से बाहर कर दिया गया है। यह फैसला रोहित का खुद का बताया जा रहा है, लेकिन इसके पीछे की मजबूरियों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
2024 का हीरो, 2025 का संघर्ष
29 जून 2024 को रोहित शर्मा की कप्तानी में भारत ने कैरेबियाई धरती पर टी20 विश्व कप जीतकर तिरंगा फहराया। यह एक ऐतिहासिक पल था, जिसने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। लेकिन अब 2025 की शुरुआत में टीम इंडिया की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में हार ने पूरे समीकरण को बदल दिया।
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टीम का प्रदर्शन:
भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज हार गई। यह नाकामी केवल रोहित की नहीं थी, बल्कि विराट कोहली समेत पूरी टीम का प्रदर्शन सवालों के घेरे में था। -
रोहित का सिडनी टेस्ट से बाहर होना:
दावा किया जा रहा है कि यह फैसला रोहित ने खुद लिया, लेकिन परिस्थितियों को देखकर लगता है कि यह निर्णय किसी दबाव में लिया गया होगा।
क्या चैंपियंस ट्रॉफी से भी होगा बाहर?
सवाल उठ रहे हैं कि क्या अब रोहित शर्मा चैंपियंस ट्रॉफी में भी खेल पाएंगे या उन्हें इस बड़े टूर्नामेंट से बाहर कर दिया जाएगा।
- टीम प्रबंधन का रुख:
टीम प्रबंधन और चयनकर्ताओं के बीच रोहित की भूमिका को लेकर असमंजस बना हुआ है। - विश्व कप के बाद का संन्यास दबाव:
टी20 विश्व कप जीतने के बाद रोहित ने इस फॉर्मेट को अलविदा कह दिया। अब टेस्ट और वनडे में उनका भविष्य अनिश्चित नजर आ रहा है।
188 दिनों में हीरो से विलेन क्यों?
रोहित शर्मा, जो 2024 में पूरे देश के हीरो थे, अब आलोचनाओं के केंद्र में हैं।
- क्यों फेल हो रही टीम?
क्रिकेट एक टीम गेम है। अकेले कप्तान को हार का जिम्मेदार ठहराना सही नहीं। न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में विराट कोहली और अन्य अनुभवी खिलाड़ी भी फॉर्म में नहीं थे।
- रोहित पर जिम्मेदारी का बोझ:
लगातार आलोचना और दबाव ने रोहित को सिडनी टेस्ट से बाहर होने पर मजबूर किया।
निष्कर्ष
रोहित शर्मा भारतीय क्रिकेट का एक अहम चेहरा हैं, लेकिन हालिया घटनाक्रम ने उनके भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं। चैंपियंस ट्रॉफी में उनकी भूमिका को लेकर असमंजस जारी है। क्या भारतीय क्रिकेट रोहित जैसे अनुभवी कप्तान का सही उपयोग कर पाएगा, या उन्हें अन्याय का शिकार होना पड़ेगा?
आने वाले महीनों में इस सवाल का जवाब मिलेगा, लेकिन यह स्पष्ट है कि भारतीय क्रिकेट में नेतृत्व और टीम प्रबंधन के बीच बेहतर संवाद की आवश्यकता है।
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