अबकी बार किसकी सरकार Exit poll 2019
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Exit poll 2019 |
क्या होते हैं Exit Poll
दरसल एग्जिट पोल एक अनुमान होता है लोकसभा मैं मतदाताओं द्वारा डाले गए मतदान का और ये अनुमान एक सर्वे के द्वारा निकाला जाता है इस सर्वे मैं मतदान डालने गए मतदाताओं से उनके द्वारा किस पार्टी को वोट डाला गया यह सवाल अहमियत रखता है और इसी के आधार पर एग्जिट पोल अर्थात काल्पनिक अनुमान का निर्माण किया जाता है और आपको दिखाया जाता है ये सर्वे कई बार नतीजों से बिल्कुल मेल खाते हैं तो कभी उनके उलटे होते हैं. ऐसे में हमने एग्ज़िट पोल की पूरी प्रक्रिया समझने की कोशिश की.और जाना एग्जिट पोल किस हद तक सही होते हैं या गलत
कब कब सही साबित हुए हैं एग्जिट पोल
कई बार ज्यादातर सभी एजेंसियों द्वारा दिखाए गए एग्जिट पोल सही साबित होते हैं या गलत भी हो जाते हैं ये तो जनता के जनादेश पर निर्भर करता है बात अगर पिछले लोकसभा चुनाव होने के दौरान एग्जिट पोल्स की करें तो ज्यादातर के एंजेंसियों अनुमान सही पाए गए थे। ज्यादातर एग्जिट पोल्स में बीजेपी की अगुआई में एनडीए को सरकार बनाने के करीब बताया गया था। जब नतीजे आएं तो बीजेपी को खुद के दम पर बहुमत मिल गया और एनडीए 336 सीटों पर विजयी रहा। कांग्रेस 44 सीटों पर सिमटकर रह गई थी। इसी तरह, 1998 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी ज्यादातर एग्जिट पोल्स के अनुमान सही थे। तब सभी एग्जिट पोल्स में बीजेपी की अगुआई वाले गठबंधन को 200 से ज्यादा सीटें व बहुमत के करीब बताया गया। जबकि कांग्रेस की अगुआई वाले गठबंधन को 200 से कम सीटों का अनुमान लगाया गया था। जब नतीजे आएं तो बीजेपी+ को 252, कांग्रेस+ को 166 और अन्य को 119 सीटें मिली थीं। कब कब गलत साबित हुए एग्जिट पोल
इसी प्रकार कई बार ऐसा भी हुआ है कि एग्जिट पोल गलत साबित हुए हैं बात हम अगर 2004 मैं हुए मतदान की करें तो 2004 मैं ज्यादातर एजेंसी NDA की 230-275 सीटों का अनुमान कर रही थीं और जबकि कॉंग्रेस की 175-190 सीटों का अनुमान लगाया गया लेकिन जब वास्तविक नतीजे सामने आये तो UPA: 208, NDA: 181, लेफ्ट फ्रंट: 59 कांग्रेस: 145 BJP:138 सीटें प्राप्त कीं जो एग्जिट पोल द्वारा बताये गए अनुमान से बिलकुल परे था इसके बाद अगले चुनाव यानी 2009 में भी एग्जिट पोल्स फेल हुए। ज्यादातर एग्जिट पोल्स में यह तो बताया गया कि यूपीए को एनडीए पर बढ़त मिलेगी लेकिन किसी ने भी यह अनुमान नहीं लगाया था कि कांग्रेस अकेले ही 200 के पार पहुंच जाएगी। परिणाम घोषित हुए तो कांग्रेस को अकेले 206 और यूपीए को 262 सीटें मिलीं। इसी तरह 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी एग्जिट पोल्स सही अनुमान लगाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुए। सभी एग्जिट पोल्स में बीजेपी+ को जेडीयू-आरजेडी गठबंधन पर बढ़त बताई गई थी लेकिन नतीजे ठीक उलट आए। बीजेपी+ 58 सीटों पर सिमट गई, जबकि जेडीयू-आरजेडी गठबंधन ने 178 सीटों पर जीत का परचम लहराया।
ऐसा नहीं है कि हर बार एग्जिट पोल गलत साबित हों या सही साबित हों ये तो केवल काल्पनिक अनुमान हैं बास्तविक नतीजे आने तक अपने मन को संतुष्ट करने का असली परिणाम तो नतीजे आने पर ही पता चलते हैं कैसी लगी आपको हमारी पोस्ट कमेंट मैं जरूर बताएं लाइक करें शेयर करें ताकि सभी जान पाएं पूरी सच्चाई और खुश रहें आगे किस टॉपिक पर पोस्ट चाहते हैं हमें कमेंट मैं जरूर बताएं हम हमेशा आपके साथ हैं हम पूरी कोशिश करेंगे आपके सवालों के जवाब देने की
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